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Google Par Photo Upload Kaise Kare in Hindi (Search Me Pic...

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Google Par Photo Upload Kaise Kare in Hindi (Search Me Pic Dale) Yaha janege Google par apni image upload kaise kare, main apko 2 practical tarike batauga jisme aap apni koi bhi Photo Google image search engine me kuchi din me laa sakte hai, taki koi bhi search kare to apki uploaded image show ho, sath me iske kuch rules, competition and system ke bare me bhi janege.  Google me text ke alwa Image, vidoes me bhi result deta hai. Google image search engine me wo sab image search ki jaa sakti hai jo internet par kisi na kisi website par available hai. To agar apko bhi apni images/photo Google search engine me laani hai to main apko 2 tarike batane jaa raha hu, jisme first bilkul easy hai jo nontechnical ke liye hai second thoda long process hai jo ki technical person ke liye. Google Image Search Engine Kaam Kaise Karta Hai? Chaliye pahle iski process ko samjh lete hai. Jab Google search engine par koi bhi image search hoti hai to wo internet par kahi na kahi data se lekar ap ta

प्रेरणादायक कहानियां -> अनोखा मंत्र रामानुजाचार्य प्राचीन...

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प्रेरणादायक कहानियां -> अनोखा मंत्र रामानुजाचार्य प्राचीन काल में हुए एक प्रसिद्ध विद्वान थे। उनका जन्म मद्रास नगर के समीप पेरुबुदूर गाँव में हुआ था। बाल्यकाल में इन्हें शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा गया। रामानुज के गुरु ने बहुत मनोयोग से शिष्य को शिक्षा दी। शिक्षा समाप्त होने पर वे बोले-पुत्र, मैं तुम्हें एक मंत्र की दीक्षा दे रहा हूँ। इस मंत्र के सुनने से भी स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है। रामानुज ने श्रद्धाभाव से मंत्र की दीक्षा दी। वह मंत्र था-ऊँ नमो नारायणाय। आश्रम छोड़ने से पहले गुरु ने एक बार फिर चेतावनी दी-रामानुज, ध्यान रहे यह मंत्र किसी अयोग्य व्यक्ति के कानों में न पड़े। रामानुज ने मन ही मन सोचा-इस मंत्र की शक्ति कितनी अपार है। यदि इसे केवल सुनने भर से ही स्वर्ग की प्राप्ति हो सकती है तो क्यों न मैं सभी को यह मंत्र सिखा दूँ। रामानुज के हृदय में मनुष्यमात्र के कल्याण की भावना छिपी थी। इसके लिए उन्होंने अपने गुरु की आज्ञा भी भंग कर दी। उन्होंने संपूर्ण प्रदेश में उक्त मंत्र का जाप आरंभ करवा दिया। सभी व्यक्ति वह मंत्र जपने लगे। गुरु जी को पता लगा कि उन्हें बहुत क्रोध

#kabirJayanti. माला फेरत जुग गया फिरा ना मन का फेर कर का मनका छोड़ दे मन का मन...

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माला फेरत जुग गया फिरा ना मन का फेर कर का मनका छोड़ दे मन का मन का फेर मन का मनका फेर ध्रुव ने फेरी माला धरे चतुरभुज रूप मिला हरि मुरली वाला कहते दास कबीर माला प्रलाद ने फेरी धर नरसिंह का रूप बचाया अपना चेरो संत कबीर जी को नमन 🙏 #kabirJayanti Posted on 28th June 2018 #postDIARY

Achievement seems to be connected with Actions, Successful persons keep moving Even if they make mistakes as they don’t Quit.

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via Instagram http://bit.ly/2KgMKmA http://bit.ly/2MTjNio http://bit.ly/2yFKynm

Don’t compare yourself with anyone in this world. If you do so, you are insulting yourself.-BILL GATES

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via Instagram http://bit.ly/2tzRi06 http://bit.ly/2lsnaAe http://bit.ly/2yyRcf0

सफलता का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता, स्वंय बनाना पड़ता है। जिसने...

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सफलता का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता, स्वंय बनाना पड़ता है। जिसने जैसा मार्ग बनाया, उसे वैसी ही मंजिल मिलती है। #postdiary #blg #iamrahul #IamRahulJha #rahul #rahuljha #RAHULJHANOIDA (at Noida नोएडा)

#MothersDay

मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं इस अवसर पर डॉ जगदीश व्योम द्वारा लिखित कविता आपके सामने प्रस्तुत है माँ कबीर की साखी जैसी तुलसी की चौपाई-सी माँ मीरा की पदावली-सी माँ है ललित रुबाई-सी। माँ वेदों की मूल चेतना माँ गीता की वाणी-सी माँ त्रिपिटिक के सिद्ध सूक्त-सी लोकोक्तर कल्याणी-सी। माँ द्वारे की तुलसी जैसी माँ बरगद की छाया-सी माँ कविता की सहज वेदना महाकाव्य की काया-सी। माँ अषाढ़ की पहली वर्षा सावन की पुरवाई-सी माँ बसन्त की सुरभि सरीखी बगिया की अमराई-सी। माँ यमुना की स्याम लहर-सी रेवा की गहराई-सी माँ गंगा की निर्मल धारा गोमुख की ऊँचाई-सी। माँ ममता का मानसरोवर हिमगिरि-सा विश्वास है माँ श्रद्धा की आदि शक्ति-सी कावा है कैलाश है। माँ धरती की हरी दूब-सी माँ केशर की क्यारी है पूरी सृष्टि निछावर जिस पर माँ की छवि ही न्यारी है। माँ धरती के धैर्य सरीखी माँ ममता की खान है माँ की उपमा केवल है माँ सचमुच भगवान है। -  जगदीश व्योम @jagdishvyom #mothersday #tumblr (at Uttar Pradesh)

#worldLabourDay हर इमारत की नींव हैं अमीरों की तक़दीर हैं खून…

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#worldLabourDay हर इमारत की नींव हैं अमीरों की तक़दीर हैं खून पसीना बहाकर अपना  पूरा करते वो अमीरों का सपना  दो वक्त की उसे मिले ना मिले  पर उसी के हाथो करोड़ो की तक़दीर लिखे  माना उसकी किस्मत हैं अभी नहीं हैं एशो आराम  पर उसको ना भुलाना तुम  ना बनाना बैगाना तुम  देना उसे उसका हक़  मजदूर हैं वह मेहनती शख्स मजदूर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं (1 मई) #tumblr https://ift.tt/2rc6j89 May 01, 2018 at 04:13PM

iamrahuljhablog: Best wishes to all of you Buddha Purnima 30…

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Best wishes to all of you Buddha Purnima 30 April आप सभी को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं #buddhapurnima #IamRahulJha (at Bodh Gaya) भगवान गौतम बुद्ध का जीवन परिचय : गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व के समय कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी नेपाल में हुआ था. कपिलवस्तु की महारानी महामाया देवी के अपने देवदह जाते हुए रास्ते में प्रसव पीड़ा हुई जिसमे एक बालक का जन्म हुआ था. गौतम गौत्र में जन्म लेने के कारण वे गौतम बुद्ध कहलाये. इनके पिता शुदोधन एक राजा थे इनकी माता माया देवी कोली वंश की महिला थी लेकिन बालक के जन्म देने के बाद 7 दिन के अंदर माया देवी की मृत्यु हो गयी थी. जिसके बाद इनका लालन-पालन इनकी मौसी और राजा की दूसरी पत्नी रानी गौतमी ने की और इस बालक का नाम सिद्धार्थ रख दिया गया. इस नाम का मतलब होता हैं जो सिद्धि प्राप्ति के लिये जन्मा हो लेकिन इनको बाद में सिद्धि मिली थी. सिद्धार्थ बचपन से बहुत की दयालु और करुणा वाले व्यक्ति थे. सिद्धार्थ बचपन में जब खेल खेलते थे तब वे स्वंय हार जाते थे क्योंकि वें दूसरों को दुःख नहीं देना चाहते थे. सिद्धार्थ का एक चचेरा भाई भी हैं जिसका नाम है

#Quotes आपकी प्रतिभा आपको ईश्वर का उपहार है, आपके इसके साथ जो…

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April 28, 2018 at 07:51PM

iamrahuljha: ऊँचा उठना है तो, अपने अंदर के अहंकार को निकालकर,…

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iamrahuljha : ऊँचा उठना है तो, अपने अंदर के अहंकार को निकालकर, स्वयं को हल्का कीजिये क्योंकि ऊँचा वही उठता है जो हल्का होता है। https://ift.tt/2JCH8T8

मीराबाई का सुप्रसिद्ध भजन और कविता | Meerabai Bhajan

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“पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।” यह मीराबाई का सुप्रसिद्ध भजन हम सब ने सुना हैं। मीरा बाई एक बहुत ही प्रसिद्ध और जानी मानी कवियत्री होने के साथ साथ कुष्ण की बहुत बड़ी भक्त थी। जब भी भगवान् श्री कृष्ण की भक्ति की बात आती हैं तो सबसे पहले जुबान पर मीरा बाई का नाम आता हैं जिन्होंने श्री कृष्ण की भक्ति के लिए अपना पूरा जीवन त्याग दिया। Meera Bhajan – मीराबाई के हर भजन और कविता में श्री कृष्ण की भक्ति छलकती हैं। उनके भजन सुनने में सबको अच्छे लगते हैं। तो चलिए आज हम भी मीरा बाई के लिखे भजन और कविताओं को पढ़कर भगवान् श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो जाएंगे। मीराबाई का सुप्रसिद्ध भजन और कविता – Meera Bhajan Meera Bhajan “पायो जी मैंने” पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। वस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरू, किरपा कर अपनायो॥ जनम-जनम की पूँजी पाई, जग में सभी खोवायो। खरच न खूटै चोर न लूटै, दिन-दिन बढ़त सवायो॥ सत की नाँव खेवटिया सतगुरू, भवसागर तर आयो। ‘मीरा’ के प्रभु गिरिधर नागर, हरख-हरख जस पायो॥ ~ मीराबाई Meera Poem “सुण लीजो बिनती मोरी” सुण लीजो बिनती मोरी, मैं शरण गही प्रभु तेरी। तुम (तो) पति

#23April world book and copyright day विश्व पुस्तक दिवस क्या…

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#23April world book and copyright day विश्व पुस्तक दिवस क्या है 23 अप्रैल को पूरे विश्व के लोगों के द्वारा हर वर्ष मनाया जाने वाला विश्व पुस्तक दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है। पढ़ना, प्रकाशन और प्रकाशनाधिकार को पूरी दुनिया में लोगों के बीच बढ़ावा देने के लिये यूनेस्को द्वारा सालाना आयोजित ये बहुत ही महत्वपूर्णं कार्यक्रम है। 23 अप्रैल को इसे मनाने के बजाय, यूनाईटेड किंग्डम में मार्च के पहले गुरुवार को इसे मनाया जाता है। 23 अप्रैल 1995 में पहली बार यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत की गयी। आमतौर पर, इसे लेखक, चित्रकार के द्वारा आम लोगों के बीच में पढ़ने को प्रोत्साहन देने के लिये मनाया जाता है। किताबों को और पढ़ने के लिये ये विश्व स्तर का उत्सव है और 100 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है। विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्षिक आधार पर विश्व पुस्तक दिवस को मनाने के पीछे बहुत सी कहानियाँ हैं। मीगुएल डी सरवेंटस नाम से सबसे प्रसिद्ध लेखक को श्रद्धांजलि देने के लिये स्पेन के विभिन्न किताब बेचने वालों के द्वारा वर्ष 1923 में पहली बार 23 अप्रैल क

Get ready for spring with this one-day sale on Greenworks power…

Bring the beauty of nature to your wallpaper this Earth Day…

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Bring the beauty of nature to your wallpaper this Earth Day Happy Earth Day! This oft-ignored holiday deserves better than to be relegated to documentary films and the occasional tree-planting! This is the only life-sustaining planet we’ve got (for now), and it’s our job to love and protect our home planet. There are plenty of charities that you can donate to, such as the World Wildlife Fund and the aptly-named Earth Day Network , and you should consider using Amazon Smile so that every time you buy a new case, cable, or some leftover Cadbury eggs, a portion of your sale is donated to charity! Even if you’re not quite up to putting your money where your mouth is, at least put a reminder to be kind to the planet on your home screen, where these wallpapers can inspire you to do more and remind us the beauty that surrounds us on this little blue ball. If you want a ridiculous amount of natural photos in large resolution and ridiculously good quality, reddit has got you covered

Best Shower Speakers

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श्री रामानुजाचार्य जी का जीवन परिचय। Ramanujacharya jayanti

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श्री रामानुजाचार्य जी का जीवन परिचय। Ramanujacharya Biography १०१७ ईसवी सन् में रामानुज का जन्म दक्षिण भारत के तमिल नाडु प्रान्त में हुआ था। बचपन में उन्होंने कांची जाकर अपने गुरू यादव प्रकाश से वेदों की शिक्षा ली। रामानुजाचार्य आलवार सन्त यमुनाचार्य के प्रधान शिष्य थे। गुरु की इच्छानुसार रामानुज से तीन विशेष काम करने का संकल्प कराया गया था – ब्रह्मसूत्र, विष्णु सहस्रनाम और दिव्य प्रबन्धम् की टीका लिखना। उन्होंने गृहस्थ आश्रम त्याग कर श्रीरंगम् के यतिराज नामक संन्यासी से सन्यास की दीक्षा ली। मैसूर के श्रीरंगम् से चलकर रामानुज शालिग्राम नामक स्थान पर रहने लगे। रामानुज ने उस क्षेत्र में बारह वर्ष तक वैष्णव धर्म का प्रचार किया। उसके बाद तो उन्होंने वैष्णव धर्म के प्रचार के लिये पूरे भारतवर्ष का ही भ्रमण किया। ११३७ ईसवी सन् में १२० वर्ष की आयु पाकर वे ब्रह्मलीन हुए। उन्होंने यूँ तो कई ग्रन्थों की रचना की किन्तु ब्रह्मसूत्र के भाष्य पर लिखे उनके दो मूल ग्रन्थ सर्वाधिक लोकप्रिय हुए – श्रीभाष्यम् एवं वेदान्त संग्रहम्। विशिष्टाद्वैत दर्शन रामानुजाचार्य के दर्शन में सत्ता या परमसत् के सम्

स्वामी शंकराचार्य जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

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स्वामी शंकराचार्य जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख का महीना हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस माह में तमाम गुरुओं और संतों की जयंती मनाई जाती है। वैशाख शुक्ल पंचमी यानि 20 अप्रैल को हिंदू धर्म की ध्वजा को देश के चारों कोनों में फहराने वाले और भगवान शिव के अवतार आदि शंकराचार्य ने जन्म लिया। हिंदू धर्म की पुर्नस्थापना करने वाले आदि शंकराचार्य का जन्म लगभग 1200 वर्ष पूर्व कोचीन से 5-6 मील दूर कालटी नामक गांव में नंबूदरी ब्राह्राण परिवार में जन्म हुआ था। आदि शंकराचार्य बचपन में ही बहुत प्रतिभाशाली बालक थे। उनके जन्म के बारे में कुछ प्रसंग इस प्रकार है। ब्राह्राण दंपति के विवाह होने के कई साल के बाद भी कोई संतान नहीं हुई। संतान प्राप्ति के लिए ब्राह्राण दंपति ने भगवान शंकर की आराधना की। उनकी कठिन तपस्या से खुश होकर भगवान शंकर ने सपने में उनको दर्शन दिए और वरदान मांगने को कहा। इसके बाद ब्राह्राण दंपति ने भगवान शंकर से ऐसी संतान की कामना की जो दीर्घायु भी हो और उसकी प्रसिद्धि दूर दूर तक फैले। तब भगवान शिव ने कहा कि या तो तुम्हारी संता

जलियांवाला बाग (13 अप्रैल 1919) भारत के #इतिहास में कुछ तारीख कभी नहीं भूली जा…

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therahuljha : भारत के #इतिहास में कुछ तारीख कभी नहीं भूली जा सकती हैं। 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के पर्व कर पंजाब में अमृतसर के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर द्वारा किए गए निहत्थे मासूमों के #हत्याकांड से केवल ब्रिटिश औपनिवेशिक राज की बर्बरता का ही परिचय नहीं मिलता, बल्कि इसने भारत के इतिहास की धारा को ही बदल दिया। आजादी के #आंदोलन की सफलता और बढ़ता जन आक्रोश देख ब्रिटिश राज ने दमन का रास्ता अपनाया। वैसे भी 6 अप्रैल की #हड़ताल की सफलता से पंजाब का प्रशासन बौखला गया। पंजाब के दो बड़े नेताओं, सत्यापाल और डॉ. किचलू को गिरफ्तार कर निर्वासित कर दिया गया, जिससे #अमृतसर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था। जैसे ही पंजाब प्रशासन को यह खबर मिली कि 13 अप्रैल को बैसाखी के दिन आंदोलनकारी जलियांवाला बाग में जमा हो रहे हैं, तो प्रशासन ने उन्हें सबक सिखाने की ठान ली। एक दिन पहले ही मार्शल लॉ की घोषणा हो चुकी थी। पंजाब के प्रशासक ने अतिरिक्त सैनिक टुकड़ी बुलवा ली थी। ब्रिगेडियर जनरल डायर के कमान में यह टुकड़ी 11 अप्रैल की रात को अमृतसर पहुंची और अगले दिन शहर में फ्लैग मार्च भ

Congrats #TejaswaniSawant for #Silvermedal in #Shooting #Cwg2018…

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Congrats #TejaswaniSawant for #Silvermedal in #Shooting #Cwg2018 तेजस्विनी सावंत ने 102.1 के स्कोर के साथ महिलाओं के 50 मीटर राइफल प्रोन में सिल्वर मेडल पर निशाना लगाया। #iamrahuljha #iamrahul #rahul #rahuljha #tumblr https://ift.tt/2GVwYju https://ift.tt/2HvfkQq