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iamrahuljhablog: Best wishes to all of you Buddha Purnima 30…

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Best wishes to all of you Buddha Purnima 30 April आप सभी को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं #buddhapurnima #IamRahulJha (at Bodh Gaya) भगवान गौतम बुद्ध का जीवन परिचय : गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व के समय कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी नेपाल में हुआ था. कपिलवस्तु की महारानी महामाया देवी के अपने देवदह जाते हुए रास्ते में प्रसव पीड़ा हुई जिसमे एक बालक का जन्म हुआ था. गौतम गौत्र में जन्म लेने के कारण वे गौतम बुद्ध कहलाये. इनके पिता शुदोधन एक राजा थे इनकी माता माया देवी कोली वंश की महिला थी लेकिन बालक के जन्म देने के बाद 7 दिन के अंदर माया देवी की मृत्यु हो गयी थी. जिसके बाद इनका लालन-पालन इनकी मौसी और राजा की दूसरी पत्नी रानी गौतमी ने की और इस बालक का नाम सिद्धार्थ रख दिया गया. इस नाम का मतलब होता हैं जो सिद्धि प्राप्ति के लिये जन्मा हो लेकिन इनको बाद में सिद्धि मिली थी. सिद्धार्थ बचपन से बहुत की दयालु और करुणा वाले व्यक्ति थे. सिद्धार्थ बचपन में जब खेल खेलते थे तब वे स्वंय हार जाते थे क्योंकि वें दूसरों को दुःख नहीं देना चाहते थे. सिद्धार्थ का एक चचेरा भाई भी हैं जिसका नाम है

#Quotes आपकी प्रतिभा आपको ईश्वर का उपहार है, आपके इसके साथ जो…

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April 28, 2018 at 07:51PM

iamrahuljha: ऊँचा उठना है तो, अपने अंदर के अहंकार को निकालकर,…

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iamrahuljha : ऊँचा उठना है तो, अपने अंदर के अहंकार को निकालकर, स्वयं को हल्का कीजिये क्योंकि ऊँचा वही उठता है जो हल्का होता है। https://ift.tt/2JCH8T8

#23April world book and copyright day विश्व पुस्तक दिवस क्या…

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#23April world book and copyright day विश्व पुस्तक दिवस क्या है 23 अप्रैल को पूरे विश्व के लोगों के द्वारा हर वर्ष मनाया जाने वाला विश्व पुस्तक दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है। पढ़ना, प्रकाशन और प्रकाशनाधिकार को पूरी दुनिया में लोगों के बीच बढ़ावा देने के लिये यूनेस्को द्वारा सालाना आयोजित ये बहुत ही महत्वपूर्णं कार्यक्रम है। 23 अप्रैल को इसे मनाने के बजाय, यूनाईटेड किंग्डम में मार्च के पहले गुरुवार को इसे मनाया जाता है। 23 अप्रैल 1995 में पहली बार यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत की गयी। आमतौर पर, इसे लेखक, चित्रकार के द्वारा आम लोगों के बीच में पढ़ने को प्रोत्साहन देने के लिये मनाया जाता है। किताबों को और पढ़ने के लिये ये विश्व स्तर का उत्सव है और 100 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है। विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्षिक आधार पर विश्व पुस्तक दिवस को मनाने के पीछे बहुत सी कहानियाँ हैं। मीगुएल डी सरवेंटस नाम से सबसे प्रसिद्ध लेखक को श्रद्धांजलि देने के लिये स्पेन के विभिन्न किताब बेचने वालों के द्वारा वर्ष 1923 में पहली बार 23 अप्रैल क

Get ready for spring with this one-day sale on Greenworks power…

Bring the beauty of nature to your wallpaper this Earth Day…

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Bring the beauty of nature to your wallpaper this Earth Day Happy Earth Day! This oft-ignored holiday deserves better than to be relegated to documentary films and the occasional tree-planting! This is the only life-sustaining planet we’ve got (for now), and it’s our job to love and protect our home planet. There are plenty of charities that you can donate to, such as the World Wildlife Fund and the aptly-named Earth Day Network , and you should consider using Amazon Smile so that every time you buy a new case, cable, or some leftover Cadbury eggs, a portion of your sale is donated to charity! Even if you’re not quite up to putting your money where your mouth is, at least put a reminder to be kind to the planet on your home screen, where these wallpapers can inspire you to do more and remind us the beauty that surrounds us on this little blue ball. If you want a ridiculous amount of natural photos in large resolution and ridiculously good quality, reddit has got you covered

Best Shower Speakers

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श्री रामानुजाचार्य जी का जीवन परिचय। Ramanujacharya jayanti

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श्री रामानुजाचार्य जी का जीवन परिचय। Ramanujacharya Biography १०१७ ईसवी सन् में रामानुज का जन्म दक्षिण भारत के तमिल नाडु प्रान्त में हुआ था। बचपन में उन्होंने कांची जाकर अपने गुरू यादव प्रकाश से वेदों की शिक्षा ली। रामानुजाचार्य आलवार सन्त यमुनाचार्य के प्रधान शिष्य थे। गुरु की इच्छानुसार रामानुज से तीन विशेष काम करने का संकल्प कराया गया था – ब्रह्मसूत्र, विष्णु सहस्रनाम और दिव्य प्रबन्धम् की टीका लिखना। उन्होंने गृहस्थ आश्रम त्याग कर श्रीरंगम् के यतिराज नामक संन्यासी से सन्यास की दीक्षा ली। मैसूर के श्रीरंगम् से चलकर रामानुज शालिग्राम नामक स्थान पर रहने लगे। रामानुज ने उस क्षेत्र में बारह वर्ष तक वैष्णव धर्म का प्रचार किया। उसके बाद तो उन्होंने वैष्णव धर्म के प्रचार के लिये पूरे भारतवर्ष का ही भ्रमण किया। ११३७ ईसवी सन् में १२० वर्ष की आयु पाकर वे ब्रह्मलीन हुए। उन्होंने यूँ तो कई ग्रन्थों की रचना की किन्तु ब्रह्मसूत्र के भाष्य पर लिखे उनके दो मूल ग्रन्थ सर्वाधिक लोकप्रिय हुए – श्रीभाष्यम् एवं वेदान्त संग्रहम्। विशिष्टाद्वैत दर्शन रामानुजाचार्य के दर्शन में सत्ता या परमसत् के सम्

स्वामी शंकराचार्य जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

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स्वामी शंकराचार्य जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख का महीना हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस माह में तमाम गुरुओं और संतों की जयंती मनाई जाती है। वैशाख शुक्ल पंचमी यानि 20 अप्रैल को हिंदू धर्म की ध्वजा को देश के चारों कोनों में फहराने वाले और भगवान शिव के अवतार आदि शंकराचार्य ने जन्म लिया। हिंदू धर्म की पुर्नस्थापना करने वाले आदि शंकराचार्य का जन्म लगभग 1200 वर्ष पूर्व कोचीन से 5-6 मील दूर कालटी नामक गांव में नंबूदरी ब्राह्राण परिवार में जन्म हुआ था। आदि शंकराचार्य बचपन में ही बहुत प्रतिभाशाली बालक थे। उनके जन्म के बारे में कुछ प्रसंग इस प्रकार है। ब्राह्राण दंपति के विवाह होने के कई साल के बाद भी कोई संतान नहीं हुई। संतान प्राप्ति के लिए ब्राह्राण दंपति ने भगवान शंकर की आराधना की। उनकी कठिन तपस्या से खुश होकर भगवान शंकर ने सपने में उनको दर्शन दिए और वरदान मांगने को कहा। इसके बाद ब्राह्राण दंपति ने भगवान शंकर से ऐसी संतान की कामना की जो दीर्घायु भी हो और उसकी प्रसिद्धि दूर दूर तक फैले। तब भगवान शिव ने कहा कि या तो तुम्हारी संता

जलियांवाला बाग (13 अप्रैल 1919) भारत के #इतिहास में कुछ तारीख कभी नहीं भूली जा…

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therahuljha : भारत के #इतिहास में कुछ तारीख कभी नहीं भूली जा सकती हैं। 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के पर्व कर पंजाब में अमृतसर के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर द्वारा किए गए निहत्थे मासूमों के #हत्याकांड से केवल ब्रिटिश औपनिवेशिक राज की बर्बरता का ही परिचय नहीं मिलता, बल्कि इसने भारत के इतिहास की धारा को ही बदल दिया। आजादी के #आंदोलन की सफलता और बढ़ता जन आक्रोश देख ब्रिटिश राज ने दमन का रास्ता अपनाया। वैसे भी 6 अप्रैल की #हड़ताल की सफलता से पंजाब का प्रशासन बौखला गया। पंजाब के दो बड़े नेताओं, सत्यापाल और डॉ. किचलू को गिरफ्तार कर निर्वासित कर दिया गया, जिससे #अमृतसर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था। जैसे ही पंजाब प्रशासन को यह खबर मिली कि 13 अप्रैल को बैसाखी के दिन आंदोलनकारी जलियांवाला बाग में जमा हो रहे हैं, तो प्रशासन ने उन्हें सबक सिखाने की ठान ली। एक दिन पहले ही मार्शल लॉ की घोषणा हो चुकी थी। पंजाब के प्रशासक ने अतिरिक्त सैनिक टुकड़ी बुलवा ली थी। ब्रिगेडियर जनरल डायर के कमान में यह टुकड़ी 11 अप्रैल की रात को अमृतसर पहुंची और अगले दिन शहर में फ्लैग मार्च भ

Congrats #TejaswaniSawant for #Silvermedal in #Shooting #Cwg2018…

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Congrats #TejaswaniSawant for #Silvermedal in #Shooting #Cwg2018 तेजस्विनी सावंत ने 102.1 के स्कोर के साथ महिलाओं के 50 मीटर राइफल प्रोन में सिल्वर मेडल पर निशाना लगाया। #iamrahuljha #iamrahul #rahul #rahuljha #tumblr https://ift.tt/2GVwYju https://ift.tt/2HvfkQq

इतिहास में 7 अप्रैल के दिन क्या हुआ था | Historical Events On 7th April

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Historical Events On 7th April प्रसिद्ध सितारवादक रविशंकर का बनारस में जन्म आज ही के दिन हुआ। इसके अलावा भी देश विदेश के इतिहास में आज के दिन बहुत कुछ हुआ, आइए जानते हैं आज के इतिहास में यानि 7 अप्रैल के इतिहास में कौनसी और महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं। इतिहास में 7 अप्रैल के दिन क्या हुआ था – Historical Events On 7th April 7 अप्रैल की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of April 7 फ्रांस ने 1509 में वेनिस के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। ब्रिटिश रसायनशास्‍त्री जॉन वाॅकर ने 1827 में माचिस की बिक्री शुरु की। बाबेरियन सोवियत गणराज्य की 1919 में स्थापना। क्रांतिकारी नेता सनयात सेन 1921 में चीनी गणतंत्र के प्रथम राष्ट्रपति बने। इटली ने 1939 में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान अल्बानिया पर कब्जा किया। बुकर टी वाशिंगटन 1940 में अमेरिकी डाकटिकट पर छपने वाले पहले अश्वेत अमेरिकी बने। सीरिया को 1946 में फ्रांस से आजादी मिली। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य मामलों की एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन की 1948 में स्थापना हुई इसीलिए आज के दिन को “विश्व स्वास्थ्य दिवस” के रूप में मनाया जाता है। अमेरिकी से

शंकराचार्य मंदिर का इतिहास | Shankaracharya Temple History

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श्रीनगर हिमालय के समृद्ध हरियाली के बीच अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाने वाला एक स्थान है। जम्मू और कश्मीर कई है उनमे से राज्य का एक बड़ा मंदिर शंकराचार्य मंदिर – Shankaracharya Temple है जिसे “ज्येष्ठेश्वर मंदिर” और ‘पास-पहाड़’ भी कहा जाता है। यह मंदिर बेहद लोकप्रिय और प्रशंसित भगवान शिव को समर्पित है। एक ऐसा मंदिर जो शंकराचार्य पहाड़ी के ऊपर स्थित है, जो जबरवान पर्वत का हिस्सा है। और यह जमीन स्तर से ऊपर 1,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर ऊंचाई से श्रीनगर के खूबसूरत शहर को देखता है। शंकराचार्य मंदिर का इतिहास – Shankaracharya Temple History राजा गोपादत्‍य ने शंकराचार्य पहाड़ी की चोटी पर एक मंदिर का निर्माण 371 ईसा पूर्व के आसपास किया था। इसलिए जिसके बाद मंदिर का नाम राजा के नाम पर ही रखा गया था। बाद में आदि शंकराचार्य, इस स्‍थान पर कश्‍मीर यात्रा के दौरान ठहरे थे इसलिए इस मंदिर का गोपादारी से नाम बदलकर शंकराचार्य कर दिया गया था। कुछ समय पश्‍चात, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए डोगरा शासक महाराजा गुलाब सिंह ने मंदिर में पत्थर की सीढ़ियों का निर्माण करवा दिया था। और साथ ही इ

इतिहास में 6 अप्रैल के दिन क्या हुआ था | What Happened on April 6

FORMAL AND INFORMAL LETTERS Introduction: In our lives we need…

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FORMAL AND INFORMAL LETTERS Introduction: In our lives we need to communicate with people on a daily basis. The easiest way is to talk to them face to face or over the telephone. Even while speaking we need to be careful who we are talking to and keeps our conversation either formal or informal, accordingly. Writing letters is another way of communicating but even while writing letters one is governed by a few principles of letter writing. Letter writing can be broadly classified under two headings (i) Informal or Friendly Letters. (ii) Formal or Business Letters. Under this broad framework may fall further subdivisions. Certain rules have to be followed in writing both friendly as well as business Letters. We shall first provide a simple format for an informal letter and also a brief description of the rules that should be kept in mind while writing one. (i) Informal or Friendly Letter Informal, friendly or social letters can be written to friends and relations. The to

5 अप्रैल का इतिहास | Historical Events on April 5

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Historical Events on April 5 दोस्तों आज जानते हैं 5 अप्रैल का इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारेंमे, उन लोगों के जन्मदिन के बारेमें जिन्होंने दुनिया में आकर बहुत बड़ा नाम किया साथ ही उन मशहूर लोगों के बारेंमे जो इस दुनिया से चले गए। 5 अप्रैल का इतिहास – Historical Events on April 5 5 अप्रैल की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of April 5 जेकब रोजरविन ने 1722 में पूर्वी आयरलैंड की खोज की। ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया ने 1843 में हॉगकॉग को ब्रिटिश कॉलनी में शामिल किए जाने की घोषणा की। महात्मा गांधी अपने अनुयायियों के साथ 1930 में नमक कानून तोडऩे के लिए दांडी पहुंचे। भारत स्काउट एण्ड गाइड की स्थापना 1949 को हुई। विस्टन चर्चिल ने 1955 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया। देश में 1957 में पहली बार और दुनिया में पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से केरल में संपन्न चुनाव के बाद कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में आई और ईएमएस नम्बूदरीपाद ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया। भारत सरकार की ओर से प्रायोजित पहली ‘इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड कंपनी’ की स्थापना 1961

Good Friday, also known as Holy Friday, Great Friday or Black...

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Good Friday, also known as Holy Friday, Great Friday or Black Friday is one of the major holidays primarily observed by Christians. The date of Good Friday changes every year as it  as based on the Lunar Calendar. Good Friday is the Friday during Holy Week and falls before Easter Day. This is basically a time of fasting and penance, commemorating the anniversary of Jesus Christ’s death on the Cross. On Good Friday, In the Roman Catholic Churches the Three Hours Service starts from 3 PM as it is believed that Jesus was died at this time. The Three Hours Service involves a series of hymns, prayers, and sermons focused on Jesus’ seven last words on the cross. The Orthodox Churches start the day with Morning Prayer. The “Twelve Gospels” is chanted in the prayer, which consists of twelve passages drawn from the passion narratives. Churches are not decorated on Good Friday. It is a tradition to eat warm ‘Hot cross buns’ on this day. शुभ शुक्रवार, जिसे पवित्र शुक्रवार, ग्रेट शुक्रवार या

मंगल पांडे भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के...

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rahuljhanoida : मंगल पांडे भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे. उनके द्वारा भड़काई गई क्रांति की ज्वाला से अंग्रेज़ शासन बुरी तरह हिल गया. हालाँकि अंग्रेजों ने इस क्रांति को दबा दिया पर मंगल पांडे की शहादत ने देश में जो क्रांति के बीज बोए उसने अंग्रेजी हुकुमत को 100 साल के अन्दर ही भारत से उखाड़ फेका.  मंगल पांडे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अंतर्गत 34वीं बंगाल नेटिव इन्फेंट्री में एक सिपाही थे. सन 1857 की क्रांति के दौरान मंगल पाण्डेय ने एक ऐसे विद्रोह को जन्म दिया जो जंगल में आग की तरह सम्पूर्ण उत्तर भारत और देश के दूसरे भागों में भी फ़ैल गया. अंग्रेजी हुकुमत ने उन्हें गद्दार और विद्रोही की संज्ञा दी पर मंगल पांडे प्रत्येक भारतीय के लिए एक महानायक हैं. भारतीय सैनिकों के साथ होने वाले भेदभाव से पहले से ही भारतीय सैनिकों में असंतोष था और नई कारतूसों से सम्बंधित अफवाह ने आग में घी का कार्य किया.  9 फरवरी 1857 को जब ‘नया कारतूस’ देशी पैदल सेना को बांटा गया तब मंगल पाण्डेय ने उसे लेने से इनकार कर दिया. इसके परिणाम स्वरूप उनके हथियार छीन लिये जाने व वर्दी उतार लेने का हुक्म ह

सफलता की कहानियाँ (Sandeep Maheshwari)

सफलता की कहानियाँ : संदीप माहेश्वरी संदीप माहेश्वरी युवाओं के लिए प्रेरक और आज का सबसे प्रासंगिक नाम है। भारत के शीर्ष उद्यमियों में तेजी से उभरने वाले नामों में एक नाम संदीप महेश्वरी का भी है। संदीप महेश्वरी ने ये सफलता काफी कम समय में हासिल की है। संदीप इमेजबाजार.कॉम के संस्थापक और चीफ एक्सक्यूटिव ऑफिसर हैं। इमेज बाजार भारतीय वस्तुओं और व्यक्तियों का चित्र सहेजने वाली सबसे बड़ी ऑनलाईन साइट है। इसके पोर्टल में एक लाख से भी अधिक नये मॉडलों की तस्वीरें संरक्षित है। इतना ही नहीं कई हजार कैमरामैन इस वेबपेज के साथ काम करते हैं। तीव्र बुद्धि के स्वामी संदीप को इस कार्य के लिए न सिर्फ काफी मेहनत नहीं करनी पड़ी, बल्कि उन्होंने अपने दिमाग का सही उपयोग कर इसे हासिल किया। संदीप सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि देश विदेश में काफी नाम कमा चुके हैं। संदीप युवाओं को आगे लाने के लिए, उनके भविष्य को लेकर उन्हें निराशा से बाहर निकालने के लिए कई जगह सेमिनार भी आयोजित कराते हैं। उनका ‘फ्री मोटिवेशनल लाइफ चेजिंग सेमिनार्स’ काफी प्रसिद्ध है। 34 वर्षीय संदीप अपने जीवन में कई संकटों का सामना करते हुए इस मुका

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