#kabirJayanti. माला फेरत जुग गया फिरा ना मन का फेर कर का मनका छोड़ दे मन का मन...
माला फेरत जुग गया फिरा ना मन का फेर
कर का मनका छोड़ दे मन का मन का फेर
मन का मनका फेर ध्रुव ने फेरी माला
धरे चतुरभुज रूप मिला हरि मुरली वाला
कहते दास कबीर माला प्रलाद ने फेरी
धर नरसिंह का रूप बचाया अपना चेरो
संत कबीर जी को नमन 🙏 #kabirJayanti Posted on 28th June 2018 #postDIARY
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