सफलता की कहानियाँ (कुणाल बहल) snapdeal

सफलता की कहानियाँ:

iamrahuljhablog:

कुणाल बहल

ई-कॉमर्स के क्षेत्र में खास पहचान हासिल कर चुकी स्नैपडील वेबसाइट से आप कई मर्तबा खरीदारी कर चुके होंगे, लेकिन क्या आप स्नैपडील के संस्थापक के बारे में जानते हैं? मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। ई-कॉमर्स के क्षेत्र में खास पहचान हासिल कर चुके स्नैपडील के संस्थापक और सीईओ कुणाल बहल पर यह बात बिल्कुल फिट बैठती है।

कभी एक निजी कंपनी में 6550 रुपए मासिक तनख्वाह की नौकरी करने वाले कुणाल आज देशभर में दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों की रोजी-रोटी का जरिया हैं। दून स्कूल के स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे कुणाल ने छात्रों के साथ अपने जीवन के ऐसे ही उतार-चढ़ावों के अनुभव साझा किए। शनिवार को दून स्कूल के रोज बाउल ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में कुणाल ने बताया कि उनके बड़े भाई आईआईटी के छात्र थे। माता-पिता हमेशा चाहते थे कि वह भी आईआईटी में जाएं। ढाई साल तैयारी भी की, लेकिन मन नहीं माना। कुणाल ने आईआईटी जाने का लक्ष्य छोड़ दिया। कॅरियर की शुरुआत एक मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी में 6550 रुपए तनख्वाह से की।

वीजा खत्म होने पर माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े
एक साल बाद अभिभावकों के दबाव में वह पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। वहां भी कुछ समय एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की, लेकिन वीजा खत्म होने पर माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ गए। कंपनी की कोशिश के बावजूद वीजा नहीं बढ़ा तो वह भारत लौट आए। कुछ समय बिजनेस के बारे में सोचते रहे। वर्ष 2009 में डिस्काउंट कूपन बुक कंपनी ‘मनी सेवर’ शुरू की। इसके तहत लोगों को कूपन बेचकर रेस्टोरेंट में खाने, खरीदारी आदि में कुछ छूट दी जाती थी। लेकिन डेढ़ साल में 1।5 करोड़ कूपन बेचने का टारगेट सिर्फ 53 पर अटक गया। कुणाल के मुताबिक इसके बाद लगा कि फेल हो गए। इस बीच 25 जून 2010 को अचानक कूपन की सेलिंग ऑनलाइन करने का आइडिया आया और आठ दिन के भीतर वेबसाइट लांच कर दी गई। बताया कि शुरुआत में नतीजे अच्छे नहीं रहे, लेकिन धीरे-धीरे रेस्पांस बढ़ने लगा। ई-कॉमर्स की बारीकियां सीखने के लिए वर्ष 2011 में वह चीन भी गए। आज तीन साल बाद स्नैपडील देश की अग्रणी ई-कॉमर्स कंपनियों में शुमार है।

*कामयाब लोगों की कहानियाँ*

इस ऍप में दुनियांभर के उन *सफल व्यक्तियों* के बारे में बताया गया है जिन्होंने अपने आपको कड़ी मेहनत व लगन से *शुन्य* से *शिखर* तक पहुँचाया!
आप भी उनके *प्रेरणादायक जीवन* से कुछ सीखकर अपने आपको उन्ही लोगों के बीच खड़ा कर सकते है जिन्हें लोग *कामयाब* कहते है!
जैसे: रतन टाटा, धीरूभाई अंबानी, बिल गेट्स, फेसबुक निर्माता- मार्क जुकर्बग इत्यादी!
इस ऍप को *डाउनलोड* करने के लिये *नीचे* दिए गये इस *लिंक* पर *क्लिक* करें!



via Tumblr https://ift.tt/2Gy2AL6

Comments

Popular posts from this blog

Today is the birth anniversary of two great personalities

Siri and Alexa struggle with your questions about detergent and cheese - Fast Company

Mother's Day 2019: 12 tech gift ideas for Mom this year - Ars Technica