*है किस की तस्वीर !* ==============
*है किस की तस्वीर !* ============== सोचो और बताओ आखिर है किसकी तस्वीर ! नंगा बदन, कमर पर धोती और हाथ में लाठी बूढ़ी आँखों पर है ऐनक कसी हुई कद-काठी लटक रही है बीच कमर पर घड़ी बँधी जंजीर सोचो और बताओ आखिर है किसकी तस्वीर ! उसको चलता हुआ देखकर आँधी शरमाती थी उसे देखकर, अँग्रेजों की नानी मर जाती थी उसकी बात हुआ करती थी पत्थर खुदी लकीर सोचो और बताओ आखिर है किसकी तस्वीर ! वह आश्रम में बैठ चलाता था पहरों तक तकली दीनों और गरीबों का था वह शुभचिंतक असली मन का था वह बादशाह, पर पहुँचा हुआ फकीर सोचो और बताओ, आखिर है किसकी तस्वीर! सत्य अहिंसा के पालन में पूरी उमर बिताई सत्याग्रह कर करके जिसने आजादी दिलवाई सत्य बोलता रहा जनम भर ऐसा था वह वीर सोचो और बताओ, आखिर है किसकी तस्वीर! जो अपनी ही प्रिय बकरी का दूध पिया करता था लाठी, डंडे, बंदूकों से जो न कभी डरता था तीस जनवरी के दिन जिसने अपना तजा शरीर सोचो और बताओ, आखिर है किसकी तस्वीर ! -डा० जगदीश व्योम @Jagdishvyom https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10223540662318071&id=1034995482 #MahatmaGandhi #म